(१९ )
त्रेता युग में राम बने तुम दुष्टों का संहार किया
द्वापर में श्रीकृष्ण बने पांचाली का उद्धार किया
लेना होगा तुमको हे प्रभु ! फिर अवतार धरातल पर
मानव के कृत्यों ने भू के कण-कण को अंगार किया
(२०)
टूट रहे संयुक्त परिवार
होकर भौतिकता के शिकार
कुछ कारण संवाद हीनता
कुछ मानसिकता है बीमार
(२१ )
ऊँची इमारत महानगर की शान है
है भीड़ से भरा खो जाती पहचान है
बस शान शौकत, चैन यहाँ मिलता नहीं
रौनक सुबह शाम दोपहर सुनसान है
डॉ अर्चना गुप्ता
Gahan anubooti, waastavik abhivyakti, sunder shabd-vinyaas!
thanx sooo much