हो गयी हमसे छोटी सी भूल
तुमसेरूठने का कर गयी कसूर
वो था तेरे प्यार का सुरूर
तुम समझे उसे मेरा गुरुर
गुरुर तो था मुझे मेरे प्यार पर
सोचा लाख रूठू मना लोगे आकर
पर तुम तो हो गए खफा
समझ कर हमें बेवफा
हो गयी हमसे अब ये खता
देना चाहे कुछ भी सजा
पर बेरुखी तेरी नही कुबूल
मुझे छोड़ जाना नही मंजूर
अश्रु ये मेरे नही फ़िज़ूल
तुमसे समझने में हुई भूल
अश्क़ये मेरे पश्चाताप के
दर्दे दिल है जो आँखों से बहे
चाहे तुम मुझ पर करो न यकीं
दिल है मेरा पूरा मुतमईन
आओगे लौट कर एक दिन जरुर
प्यार पर अपनेमुझे अब भी गुरुर
-डॉ अर्चना गुप्ता
V nice Kavita .keep it up
.
thanx kiran