(58 )
हमें बेटियाँ ये हँसाती बहुत है
ख़ुशी से सदा चहचहाती बहुत है
पलें गोद में बन हमारा जिगर पर
विदाई पे हमको रुलाती बहुत हैं
(59 )
वो हमें रोज लोरी सुनाकर सुलाती है
दर्द सहकर सभी दुख हमारे मिटाती है ै
रूप भगवान का है छुपा रूप में माँ के
हर समय साथ माँ ही हमारा निभाती है
(60 )
दिल दुखाती बड़ी ये खबर क्या करें
डबडबाती रही ये नज़र क्या करें
दामिनी कह रही वीर मेरे सुनो
ठूंठ से हम खड़े बन शज़र क्या करें
डॉ अर्चना गुप्ता *
दिल दुखाती बड़ी ये खबर क्या करें
डबडबाती रही ये नज़र क्या करें
दामिनी कह रही वीर मेरे सुनो
ठूंठ से हम खड़े बन शज़र क्या करें
सुन्दर
हमें बेटियाँ ये हँसाती बहुत है
ख़ुशी से सदा चहचहाती बहुत है
Bahut Badhiya likha hai aapne Archanaji. Kaash sabhi log betiyon ke pyar ko samajh sakte tho har saal laakhon betiyan bach jaate.
thanx sooo much for liking my post ….