(163 )
प्रिय प्यार की अब खो रही पहचान है
बस ढूढ़ता मानव नफा नुकसान है
चाहे कमा लो धन यहाँ भरपूर तुम
लाती लबों पर प्रीत ही मुस्कान है
(164 )
जब रूठ गए आप मनाया न गया बस
जब छोड़ गए साथ बुलाया न गया बस
हम राह चले आज अकेले जो सफर में
तो बीत गया वक़्त भुलाया न गया बस
(165 )
वर्ल्ड कप पर आज सबकी ही नज़र है
कौन जीता कौन हारा ये खबर है
जोश में देखो हमारे सब खिलाड़ी
खेल पर भी दिख रहा उसका असर है
डॉ अर्चना गुप्ता