(223 )
धरा काँपी मिटा घरवार है देखो
बहा आँसू रहा संसार है देखो
न जाने लोग कितने हैं मरे इसमें
पड़ी कुदरत की कैसी मार है देखो
(224 )
आँख में आँसू नजर आने लगा है अब
हर समय ये दर्द भी भाने लगा है अब
हम अकेले में नहीं तन्हा कभी होते
याद में उनकी नशा छाने लगा है अब
(225 )
गीत प्यारा गुनगुनाने आज आना है
साथ में लेकर सुहाने साज आना है
धड़कनों में इस तरह मेरी समाये तुम
जिन्दगी में प्यार का अब राज आना है
डॉ अर्चना गुप्ता