(4)
ऐसा कभी न सोचिये , सभी एक से होत
कुछ में तुम गुणवान हो ,कुछ में दूजे होत
कुछ में दूजे होत,खुदी को तुम पहचानो
क्षमता के अनुसार ,शक्ति की महिमा जान
(5)
घूमे पहिया वक्त का, असर उमर पे होय
पर टीका राखी वही , असर न उस पर कोय
असर न उस पर कोय, रहे वो साथ पुराना
धागा बाँधे बहन , प्यार का मिले खजाना
(6)
आज़ादी पाए हमें , बीते कितने साल
भूले सारे मूल्य हम ,मानवता बे हाल
मानवता बे हाल, रो रही भारत माता
उठो देश के वीर ,बनो तुम भाग्य विधाता
डॉ अर्चना गुप्ता