(37 )
जख्म दिल का अब दिखाया नहीं जाता
मर्ज़ अपना अब बताया नहीं जाता
प्यार के बदले मिली कब वफा हमको
चाह कर भी दर्द गाया नहीं जाता
(38 )
मत मुसीबत का करो तुम सामना
खुश रहो तुम बस यही है कामना
मैं तुम्हें आगाह करना चाहती
दिल दुखाऊँ मैं नहीं ये भावना
(39 )
कर दिया व्याकुल विकल है आज हमको
कर दिया है इस कदर नाराज़ हमको
छोड़ कर दुनिया तुम्हारी जा रहे अब
ना मिलेंगे लाख दो आवाज हमको
डॉ अर्चना गुप्ता —-