७।
पेड़ों पर झूले डोल गये
बातों का बस्ता खोल गये
पीहर की बीती यादों को
आँखों के आँसूं बोल गये
८।
मौसम ने भी श्रृंगार किया
जीवन भी खुशगंवार किया
रिमझिम २ मेघा बरसे
हर प्रेमी मन गुंजार किया
९।
ना किसी का दास होता
ना अकेला वास होता
मन ख़ुशी से झूम जाता
आज गर तू पास होता
डॉ अर्चना गुप्ता
Bahut khoob!
Thanx amit ji
thanx amit ji
it’s so intense and beautiful
थंक्स
bahut sunder
thanx v much