१०।
समझ कर नासमझ तुझ को
किया गुमराह ही खुद को
असल था रूप वो तेरा
समझ कब आ सका मुझ को
डॉ अर्चना गुप्ता
११।
जाकर के परदेश हमें यूँ भूल न जाना
जीवन के रिश्तों को प्रियवर आप निभाना
करना अच्छे कर्म सदा अपने जीवन में
जग में प्यारे भारत का सम्मान बढ़ाना
१२।
दर्द गीत हो गये
शब्द मीत हो गये
नैन अश्रु से भरे
हार -जीत हो गये
डॉ अर्चना गुप्ता
दर्द गीत हो गये
शब्द मीत हो गये
नैन अश्रु से भरे
हार -जीत हो ग
nice lines..
Loved the one at no.10 immensely!
(…not that the other ones are any less though)
thanx amit ji aap hamesha se hi mera utsahvardhan kerte rhe hai ….