(7)
जल में जब नौका रहे, सँभल सके हर कोय
जल यदि नौका में रहे , बचना मुश्किल होय
बचना मुश्किल होय ,यही संतों की बाणी
कभी न खोना होश ,काम की बड़े जवानी
(8)
त्रेता में सब राम थे रावन हुआ न होय
जब इक रावन हो गया बचा सका कब कोय
बचा सका कब कोय बनायें ऐसा शासन
आओ मिलकर आज जला डालें सब रावन
(9)
किस्मत में है जो लिखा ,टाल सका कब कोय
तू पाने की चाह में ,चैन भला क्यों खोय
चैन भला क्यों खोय ,कर्म कुछ अच्छे कर ले
लेकर जन -आशीष ,झोलियाँ अपनी भर ले
डॉ अर्चना गुप्ता*******