किसी भी शब्दकोष का
सबसे बुरा शब्द आंटी।
जिस नार को बोलो लगे
जैसे मारे कोई संटी।
जब निकले कोई नार
कर सोलह श्रृंगार।
चले जुल्फें लहराकर
लचके कमर बल खाकर।
और कह दे उसे कोई आंटी।
हाल उसका ऐसा जैसे
सरेराह कालिख पोत दी।
बचता नहीं वहां कोई
चाहें राधा हो या नंदी।
सर पर रख पाँव
सबको भागने की जल्दी।
अक्सर होता है ये भी
खुद आंटी कह दे
किसी आंटी को आंटी।
तब होता वो कोहराम
कांपने लग जाती धरती।
देखा है ये मैने
अपनी आँखों से भी।
देती हूँ सलाह
आंटी शब्द ही बुरा
दे दो इसे तिलांजली।
गला घोट दो शब्द का
या देदो इसे फांसी।
प्रौढ़ा हो या जवान
बस बोलो प्यारी दीदी।
क्या जायेगा किसी का
गर हर नार को मिले ख़ुशी।
डॉ अर्चना गुप्ता (मुरादाबाद)
Khoob kahan aapne!
hahaha saru ji … sabki aik hi shikayat rhti hai … aunty kisko bola…. bas isi se prerit hoker.. pasand kerne ke liye shukriya
Sahi kaha, aunty shabd rishto ki pahchan bhi khatam kar deta hai.
kya baat hai
Bilkul sach 🙂