चांदनी रात में
तुम कहीं हम कहीं
पर रुपहली चांदनी
दोनों के पास वही
रिमझिम बरसात में
हम दोनों साथ नहीं
पहले बरसात की खुशबू
दोनों के पास वही
इन गहरी तन्हाइयों में
मन भटके चाहे भी कहीं
पर यादों का समुंदर
दोनों के पास वही
दुनिया की भूल भुलैया में
छूटा हमारा हाथ कहीं
फिर मिलने के सरगोशी
दोनों के पास वही
फिर इस जन्म में
हम मिले ना मिले कभी
पर वो प्यार हमारा
दोनों के पास वही
डॉ अर्चना गुप्ता
Pyar aur dosti ki gahrai hai Isme.
Very nice. I’ll
धन्यवाद् सखी। आपके इन्ही शब्दों से हमें प्रोत्साहन मिलता है।