बोरिंग न्यूज़ खल्लास

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बोरिंग न्यूज़ खल्लास …

बड़े बड़े सितारों का

सुनती ये आगाज़।

पर न्यूज़ बोरिंग कब होती हैं।

कभी ख़ुशी कभी गम में

लिपटी होती हैं।

आलम तो ये ,रूह रोती ज्यादा

हंसती कम है।

कभी महंगाई की मार ,

नारी पर अत्याचार ,

दुर्घटनाओं की तो भरमार,

प्राकृतिक आपदाओं की धार ,

मानवता का हनन देख ,

आत्मा कर उठती चीत्कार।

इन सबको करो खल्लास।

पढ़ाओ जन जन को

मानवता का पाठ।

तभी सबको होगा उल्लास।

 

खुशियां भी

,लाती है ख़बरें

कभी खेलों की चमक ,

रुपहले पर्दें की चटक ,

कभी दुनिया की सैर ,

करातीं ख़बरें,

सबका ज्ञान बढ़ाती ख़बरें,

बोरिंग नही ये होती झक्कास।

 

हाँ बोरिंग

तो विज्ञापन होते हैं ,

कुछ तो बेसिरपैर होते हैं

होते कुछ ,दिखाते कुछ हैं ,

पर आमदनी का

जरिया होते हैं।

इनको नहीं कर सकते खल्लास।

तो और कौन सी न्यूज़ खल्लास।

 

डॉ अर्चना गुप्ता

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Dr. Archana Gupta

Dr. Archana Gupta loves to give words to her thoughts in the form of poems, stories and articles. She is passionate about learning new things and admire the beauty of the world.

7 thoughts on “बोरिंग न्यूज़ खल्लास”

  1. ज्यादातर तो बस बोरोंग न्यूज़ ही होती हैं ! बढ़िया शब्द लिखे हैं आपने

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