(१०३)
आपके बन कर रहेंगे देख लेना
आपके मन की कहेंगे देख लेना
प्यार इतना आपसे हमने किया है
दर्द भी हंसकर सहेंगे देख लेना
(104 )
चाँद ये जब चाँदनी को प्यार करता है
पूर्णमासी को मिलन सिंगार करता है
देखकर पावन मुहब्बत झूमते तारे
रूप इनका प्रेम को साकार करता है
(105 )
वक़्त ने जब कभी सताया है
हौसला हर कदम बढ़ाया है
लाख दुश्मन बना जमाना ये
साथ बस आपने निभाया है
डॉ अर्चना गुप्ता